आ गए देखो नवराते,
ओय क्या बात हो गई,
माँ ने दर पे बुलाया,
मुलाकात हो गई,
होते घर घर में जगराते,
ओय क्या बात हो गई,
माँ ने दर पे बुलाया,
मुलाकात हो गई।।
तर्ज – छुप गए सारे नज़ारे।
मंदिर साजे घंटे है बाजे,
खुशियां में दुनिया नाचे,
माँ के दर्शन को आँखें,
ये तरसती थी,
सावन भादो के जैसे,
ये बरसती थी,
थम गए आँखों के आंसू,
ओय क्या बात हो गई,
माँ ने दर पे बुलाया,
मुलाकात हो गई।।
चुनरी चढाने भोग लगाने,
आये हैं माँ को मनाने,
जो भी दर पे आया है,
उसका भाग्य जगा,
देखो मैया के दर पे,
भारी मेला लगा,
भर गई झोलियाँ खाली,
ओय क्या बात हो गई,
माँ ने दर पे बुलाया,
मुलाकात हो गई।।
कहता ‘चोखानी’ अम्बे भवानी,
मैया बड़ी वरदानी,
जिनसे मैया को,
श्रद्धा से पुकारा है,
उसकी बिगड़ी को,
मैया ने संवारा है,
मिल गया दर्शन माँ का,
ओय क्या बात हो गई,
माँ ने दर पे बुलाया,
मुलाकात हो गई।।
आ गए देखो नवराते,
ओय क्या बात हो गई,
माँ ने दर पे बुलाया,
मुलाकात हो गई,
होते घर घर में जगराते,
ओय क्या बात हो गई,
माँ ने दर पे बुलाया,
मुलाकात हो गई।।
Singer – Aruna Agrawal