हनुमत पर्वत ही ले आया,
श्लोक – हाहाकार मचा सेना में,
और रामचंद्र थे घबराए,
जय जयकार हुई जब हनुमत,
पर्बत ही ले आए।
तर्ज – मेरा पिया घर आया।
खुशहाली सारे मनाओ जी,
देखो हनुमत लौट आया,
राम जी देखो हनुमत लौट आया,
ओ राम जी देखो हनुमत लौट आया,
हनुमत लौट आया,
बिछड़े भाई को मिलाया,
हनुमत लौट आया,
बिछड़े भाई को मिलाया,
किया इसने अद्भुत काम जी,
वो तो पर्वत ही ले आया,
राम जी वो तो पर्वत ही ले आया।।
देवो ने घड़ियाल बजाए,
नभ मंडल से फूल बरसाए,
सबने जय जयकार लगाई,
सबने जय जयकार लगाई,
ये है अतुलित बल का धाम जी,
वो तो पर्वत ही ले आया,
राम जी वो तो पर्वत ही ले आया।
हनुमत लौट आया,
बिछड़े भाई को मिलाया,
किया इसने अद्भुत काम जी,
वो तो पर्वत ही ले आया,
राम जी वो तो पर्वत ही ले आया।।
घड़ी घड़ी प्रभु के काम आया,
सीता जी का पता लगाया,
रावण की लंका को जलाया,
रावण की लंका को जलाया,
ये तो इनका काम जी,
वो तो पर्वत ही ले आया,
राम जी वो तो पर्वत ही ले आया।
हनुमत लौट आया,
बिछड़े भाई को मिलाया,
किया इसने अद्भुत काम जी,
वो तो पर्वत ही ले आया,
राम जी वो तो पर्वत ही ले आया।।
माँ अंजनी की आँख का तारा,
श्री राम का सेवक प्यारा,
जिनको जपता है जग सारा,
जिनको जपता है जग सारा,
बजरंग जिनका नाम जी,
वो तो पर्वत ही ले आया,
राम जी वो तो पर्वत ही ले आया।
हनुमत लौट आया,
बिछड़े भाई को मिलाया,
किया इसने अद्भुत काम जी,
वो तो पर्वत ही ले आया,
राम जी वो तो पर्वत ही ले आया।।
खुशहाली सारे मनाओ जी,
देखो हनुमत लौट आया,
राम जी देखो हनुमत लौट आया,
ओ राम जी देखो हनुमत लौट आया,
हनुमत लौट आया,
बिछड़े भाई को मिलाया,
हनुमत लौट आया,
बिछड़े भाई को मिलाया,
किया इसने अद्भुत काम जी,
वो तो पर्वत ही ले आया,
राम जी वो तो पर्वत ही ले आया।।
Singer : Lakkha Ji