मैया नवरातो में,
जब धरती पे आती है,
किसको है क्या देना,
ये सोच के आती है,
मैया नवरातो मे,
जब धरती पे आती है,
मैया नवरातो में।।
तर्ज – बाबुल का ये घर बहना।
पहले नवरातो में,
माँ सबकी खबर लेती,
दूजे नवरातो में,
अपने खाते में लिख लेती है,
तीजे नवरातो से,
बात आगे बढ़ाती है,
मैया नवरातो मे,
जब धरती पे आती है,
मैया नवरातो में।।
चौथे नवरातो में,
माँ आसान लगाती है,
पाँचवे नवरातो में,
माँ आ गयी बताती है,
छटे नवरातो में,
सबको दर्शन कराती है,
मैया नवरातो मे,
जब धरती पे आती है,
मैया नवरातो में।।
सतवे नवरातो में,
खोल देती खजाने है,
अठवे नवरातो से,
लग जाती लूटाने है,
नव्वे नवरातो में,
दोनो हाथो से लुटाती है,
मैया नवरातो मे,
जब धरती पे आती है,
मैया नवरातो में।।
दसवे दिन माता की,
बिदाई जब आती है,
सारे धरती के लोगो की,
आँखे भर आती है,
‘रामा’ फिर आउंगी,
वादा करके चली जाती है,
मैया नवरातो मे,
जब धरती पे आती है,
मैया नवरातो में।।
मैया नवरातो में,
जब धरती पे आती है,
किसको है क्या देना,
ये सोच के आती है,
मैया नवरातो मे,
जब धरती पे आती है,
मैया नवरातो में।।
Singer : Raju Mehra
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