तेरो लाल यशोदा छल गयो री भजन लिरिक्स

तेरो लाल यशोदा छल गयो री,
मेरो माखन चुराकर बदल गयो री।।



मैंने चोरी से इसे मटकी उठाते देखा,

आप खाते हुए औरो को खिलाते देखा,
नाचकर घूमकर कुछ नीचे गिराते देखा,
माल चोरी का इसे खूब लुटाते देखा,
माल चोरी का इसे खूब लुटाते देखा,
मेरे मुँह पर भी माखन मल गयो री,
तेरो लाल यशोदा छल गयो री।।



हाथ आता ही नहीं दूर दूर रहता है,

चोर है चोर ये चोरी में चूर रहता है,
चोरी कर के भी सदा बेकसूर रहता है,
सर पे शैतानी का इसके फितूर रहता है,
सर पे शैतानी का इसके फितूर रहता है,
मेरे माखन की मटकी उड़ल गयो री,
तेरो लाल यशोदा छल गयो री।।



हसकर मांगता है और कभी रोता है,

अपने हाथो से दही आप ही बिलोता है,
ये दिन पे दिन भला क्यों इतना हटी होता है,
न दो तो धुल में ही लौटता और सोता है,
न दो तो धुल में ही लौटता और सोता है,
मेरो आँचल पकड़कर मचल गयो री,
तेरो लाल यशोदा छल गयो री।।



इसे समझा दे यशोदा ये तेरा बेटा है,

चोर ग्वालो का एक ये ही चोर नेता है,
मार पड़ती है इन्हे और ये मजा लेता है,
इसके बदले में जरा बंशी बजा देता है,
इसके बदले में जरा बंशी बजा देता है,
‘जया’ ‘मोती’ कान्हा की शरण गयो री,
तेरो लाल यशोदा छल गयो री।।



तेरो लाल यशोदा छल गयो री,

मेरो माखन चुराकर बदल गयो री।।


Singer : Jaya Kishori Ji & Chetna Sharma
Submitted By : Ashwin Gupta


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

2 COMMENTS

  1. सर, भजन पुरा नही है,कृपा करके पुरा भजन भेजें।

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