छाई रे खाटू नगर में बहार श्याम मिलन की रुत आई भजन लिरिक्स

छाई रे खाटू नगर में बहार,
श्याम मिलन की रुत आई,
आया फागुण का रंगीला त्यौहार,
श्याम मिलन की रुत आई,
छाई रे खाटू नगर मे बहार,
श्याम मिलन की रुत आई।।

तर्ज – चलो रे डोली उठाओ।



जो हैरान जो है परेशान,

सुनता सभी की खाटु का श्याम,
फागुण में लगती अदालत बड़ी,
बनते है काम यहाँ हर एक घडी,
तुम भी आना फागुण में हर बार,
श्याम मिलन की रुत आई,
छाई रे खाटू नगर मे बहार,
श्याम मिलन की रुत आई।।



जिन नैनो की ये है ज्योति,

रौशनी उनकी कम ना होती,
ये ही उजाला ये ही है किरण,
किरपा से इनकी बनता जीवन,
इनके होते ना होता अंधकार,
श्याम मिलन की रुत आई,
छाई रे खाटू नगर मे बहार,
श्याम मिलन की रुत आई।।



क्या राजा क्या है फ़क़ीर,

इनके ही हाथों सबकी तक़दीर,
ये ही तो लेख सारे लिखता है,
ये ही तो किस्मत बदलता है,
ये ब्रम्हा और विष्णु अवतार,
श्याम मिलन की रुत आई,
छाई रे खाटू नगर मे बहार,
श्याम मिलन की रुत आई।।



केवट बना और सौंप दे पतवार,

नैया होगी ना तेरी मझधार,
नैया कोई तेरी रोक ना पाए,
दावा है ‘निर्मल’ का होगी ये पार,
सबकी नैया का खेवनहार,
श्याम मिलन की रुत आई,
छाई रे खाटू नगर मे बहार,
श्याम मिलन की रुत आई।।



छाई रे खाटू नगर में बहार,

श्याम मिलन की रुत आई,
आया फागुण का रंगीला त्यौहार,
श्याम मिलन की रुत आई,
छाई रे खाटू नगर मे बहार,
श्याम मिलन की रुत आई।।

Singer : Sanjay Mittal


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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