दर्शन को तेरे बाबा,
आया बड़ी दूर से,
आया बड़ी दूर से,
मेहर की नजर बाबा,
कर दो जरा सी,
दर्शन को तेरे बाबा।।
तर्ज – सौ साल पहले।
हे भूतेश्वर भोलेनाथ,
टाबरा की ये अर्जी है,
थे सुणो जरा दे ध्यान,
अलख की हो जाए मर्जी है,
लगन है हमारी,
विनती हुजूर से,
विनती हुजूर से,
भीख दया की गर,
दे दो जरा सी।
दर्शन को तेरें बाबा,
आया बड़ी दूर से,
आया बड़ी दूर से,
मेहर की नजर बाबा,
कर दो जरा सी,
दर्शन को तेरे बाबा।।
तुम अपने भक्तो के,
रुके सब काम बनाते हो,
फिर मेरी नैया क्यूँ,
नहीं उस पार लगाते हो,
तेरा दास हूँ मैं बाबा,
किसी दस्तूर से,
किसी दस्तूर से,
कदरदान हो तुम,
कदर दो जरा सी।
दर्शन को तेरें बाबा,
आया बड़ी दूर से,
आया बड़ी दूर से,
मेहर की नजर बाबा,
कर दो जरा सी,
दर्शन को तेरे बाबा।।
इस बार तो लखदातार,
फैसला कर के जाएंगे,
ये नैना भरे अति,
चरण में झर के जाएंगे,
‘श्याम बहादुर’,
शिव मजबूर से,
शिव मजबूर से,
नहीं धीर दिल में,
सबर दो जरा सी।
दर्शन को तेरें बाबा,
आया बड़ी दूर से,
आया बड़ी दूर से,
मेहर की नजर बाबा,
कर दो जरा सी,
दर्शन को तेरे बाबा।।