महादेव शिव की है दोनो संतान,
तर्ज – श्याम तेरी बंसी पुकारे।
दोहा – रविवार भैरव भजो,
मंगल शनि हनुमान.
सब संकट टल जाये ‘लक्खा’,
हो जाये कल्याण।
महादेव शिव की है दोनो संतान,
एक बलि भैरव तो दुजे हनुमान।।
एक तन सिन्दुरी है एक रूप काला,
दुनिया में दोनो का है बोलबाला,
दोनो में विषमता है फिर भी समान,
एक बलि भैरव तो दुजे हनुमान।।
एक राम का भक्त दुजा शिव दुलारा,
दोनो ने भगतो का संकट है टारा,
इनके जैसे सेवक ना जग में महान,
एक बलि भैरव तो दुजे हनुमान।।
दुष्टो को चुन चुनके हनुमान छांटा,
‘लक्खा’ भैरव ने शीश ब्रम्हा का कांटा,
‘बेधड़क’ इनका तु करले गुणगान,
एक बलि भैरव तो दुजे हनुमान।।
महादेव शिव की है दोनों संतान,
एक बलि भैरव तो दुजे हनुमान।।