अब तू ही बता गोपाल,
कुण पार लगावेगो,
कुण आड़े आवेगो,
अब तु ही बता गोपाल,
कुण पार लगावेगो।।
दुनिया तेरी ऐसी है,
बटका सा भरे मेरे,
गर तू नहीं होवे तो,
नैया ने डूबोगे रे,
नैया ने डूबोगे रे,
फस गई मझधारा में,
कुण राह दिखावेगो,
कुण पार लगावेगो,
कुण आड़े आवेगो,
अब तु ही बता गोपाल,
कुण पार लगावेगो।।
तू दाता दुनिया को,
बण देवे लिख्यो लिख्यो,
मेरी गर मिट गई तो,
फेरु सो श्यामल को,
फूटी मेरी किस्मत ने,
कद हाथ लगावेगो,
कुण पार लगावेगो,
कुण आड़े आवेगो,
अब तु ही बता गोपाल,
कुण पार लगावेगो।।
कवे ‘रामकुमार’ ओ श्याम,
मेरी अर्जी सुण लेना,
मेरी आफत ने टालो,
काना तले मत देना,
काना तले मत देना,
तेरे हाथां में पतवार,
सौंपी तू ही जाणेगो,
कुण पार लगावेगो,
कुण आड़े आवेगो,
अब तु ही बता गोपाल,
कुण पार लगावेगो।।
अब तू ही बता गोपाल,
कुण पार लगावेगो,
कुण आड़े आवेगो,
अब तु ही बता गोपाल,
कुण पार लगावेगो।।