जब मुरली वाला तुझको बेहिसाब देता है भजन लिरिक्स

जब मुरली वाला तुझको,
बेहिसाब देता है,
फिर गिन गिन करके क्यों तू,
उसके नाम लेता है।।

तर्ज – आ जाओ भोले बाबा।



तू एक मांगता है,

ये लाखो देता है,
ये लाखो देता है,
बदले में तुझसे लेकिन,
कभी कुछ ना लेता है,
कभी कुछ ना लेता है,
जब तेरी हर ख्वाहिश ये,
जब तेरी हर ख्वाहिश ये,
पूरी कर देता है,
फिर गिन गिन करके क्यों तू,
उसके नाम लेता है।।

जब मुरली वाला तुझको,
बेहिसाब देता है,

फिर गिन गिन करके क्यों तू,
उसके नाम लेता है।।



जब मांग के लाते हो,

जग से छिपाते हो,
जग से छिपाते हो,
और नाम जब लेते हो,
जग को दिखाते हो,
जग को दिखाते हो,
जब दुःख के बदले तुझको,
जब दुःख के बदले तुझको,
ये खुशियां देता है,
फिर गिन गिन करके क्यों तू,
उसके नाम लेता है।।

जब मूरली वाला तुझको,
बेहिसाब देता है,
फिर गिन गिन करके क्यों तू,
उसके नाम लेता है।।



तकलीफ इसको तो भी,

होती है मेरे यार,
होती है मेरे यार,
इसका ही अंश इससे,
करे स्वार्थ का व्यव्हार,
करे स्वार्थ का व्यव्हार,
जब इतना सहकर तुझको,
ये दुआए देता है,
फिर गिन गिन करके क्यों तू,
उसके नाम लेता है।।

जब मुरली वाला तुझको,
बेहिसाब देता है,

फिर गिन गिन करके क्यों तू,
उसके नाम लेता है।।



इच्छा और जरुरत में,

है फर्क बड़ा होता,
है फर्क बड़ा होता,
मानव की तृष्णा का,
कभी अंत नहीं होता,
कभी अंत नहीं होता,
जब गलती की तुझे ‘मोहित’,
जब गलती की तुझे ‘मोहित’,
ये माफ़ी देता है,
फिर गिन गिन करके क्यों तू,
उसके नाम लेता है।।

जब मूरली वाला तुझको,
बेहिसाब देता है,
फिर गिन गिन करके क्यों तू,
उसके नाम लेता है।।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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