मेरे घर के आगे भोलेनाथ,
तेरा मंदिर बन जाये,
जब खिड़की खोलू तो,
तेरा दर्शन हो जाये।।
जब आरती हो तेरी,
मुझे घंटी सुनाई दे,
मुझे रोज़ सवेरे भोलेनाथ,
तेरी सूरत दिखाई दे,
जब भजन करे मिलकर,
रस कानो में घुल जाए,
जब खिड़की खोलू तो,
तेरा दर्शन हो जाये।।
आते जाते बाबा तुमको,
मै प्रणाम करु,
जो मेरे लायक हो,
कुछ ऐसा काम करु,
तेरी सेवा करने से,
मेरी किस्मत खुल जाए,
जब खिड़की खोलू तो,
तेरा दर्शन हो जाये।।
नजदीक रहेंगे तो,
आना जाना होगा,
हम भक्तो का बाबा,
मिलना झुलना होगा,
सब साथ रहे बाबा,
जल्दी वो दिन आये,
जब खिड़की खोलू तो,
तेरा दर्शन हो जाये।।
मेरे घर के आगे भोलेनाथ,
तेरा मंदिर बन जाये,
जब खिड़की खोलू तो,
तेरा दर्शन हो जाये।।