आज कल याद कुछ,
और रहता नही,
श्याम एक बस तेरी,
याद आने के बाद,
याद आने से पहले,
चले आओ तुम,
और फिर जाओ तुम,
जान जाने के बाद।।
तर्ज – आज कल याद कुछ।
सूनी कुंज की गलियां,
बुलाए तुझे,
कौन सा कर जतन,
हम मनाएं तुझे,
कैसे पाऊं तुझे,
तू बता दे मुझे,
चैन आएगा अब,
तेरे आने के बाद,
आज कल याद कुछ,
और रहता नही,
श्याम इक बस तेरी,
याद आने के बाद।।
राह तकते ये अखियां,
है पथरा गई,
सारे कहते मेरी मति,
है चकरा गई,
कोई धुन ही सुना,
बंसरी फिर बजा,
राह सूझे नहीं,
याद आने के बाद,
आज कल याद कुछ,
और रहता नही,
श्याम इक बस तेरी,
याद आने के बाद।।
ये बिरह मोहना,
अब सहा जाए ना,
जल बिना मीन से,
अब रहा जाए ना,
औषधी ना कोई,
श्याम इस दर्द की,
आओगे क्या मेरी,
मौत आने के बाद,
आज कल याद कुछ,
और रहता नही,
श्याम इक बस तेरी,
याद आने के बाद।।
आज कल याद कुछ,
और रहता नही,
श्याम एक बस तेरी,
याद आने के बाद,
याद आने से पहले,
चले आओ तुम,
और फिर जाओ तुम,
जान जाने के बाद।।
स्वर – देश दीपक टिकैतनगर।
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