मंदिर बना है प्रभु,
राम का निराला,
मंदिर निराला है ये,
मंदिर निराला है ये,
दुनिया से आला,
मन्दिर बना है प्रभु,
राम का निराला।।
तर्ज़ – बहुत प्यार करते है।
सदियों से एक आस लगी थी,
मन में भी एक टीस जगी थी,
राम कृपा से होगा,
राम कृपा से होगा,
जग में उजाला,
मन्दिर बना है प्रभु,
राम का निराला।।
जन सहयोग से ये,
मन्दिर बना है,
भारत का विश्व में,
मान बढा है,
अयोध्या धाम होगा,
अयोध्या धाम होगा,
सुख देने वाला,
मन्दिर बना है प्रभु,
राम का निराला।।
रत्न सिंहासन पर,
रामजी बिराजेंगे,
सिया जी लखन हनुमत,
संग में सजेंगे,
आया है वो दिन सबको,
आया है वो दिन सबको,
खुशी देने वाला,
मन्दिर बना है प्रभु,
राम का निराला।।
राम की कृपा से यह,
काम हुआ है,
सूर्यवंश का फिर से,
नाम हुआ है,
‘श्याम’ ये तो रामजी का,
खेल है निराला,
मन्दिर बना है प्रभु,
राम का निराला।।
मंदिर बना है प्रभु,
राम का निराला,
मंदिर निराला है ये,
मंदिर निराला है ये,
दुनिया से आला,
मन्दिर बना है प्रभु,
राम का निराला।।
स्वर / रचना – घनश्याम मिढ़ा।
भिवानी (हरियाणा) 9034121523