आए अवध में रघुराई,
मंगल भवन अमंगल हारी,
द्रवहु सुदसरथ अजर बिहारी।
बड़ी शुभ ये खबर आई,
बाजे घर घर शहनाई,
पापियों का वध करके,
आए अवध में रघुराई,
पापियों का वध करके,
आए अवध में रघुराई।।
सोने का रथ होगा,
भगवा भारत होगा,
राम का अयोध्या में,
ऐसा स्वागत होगा,
राम का अयोध्या में,
ऐसा स्वागत होगा।।
घड़ियां अभिनंदन की,
राघव के वंदन की,
सरयू के मीठे जल में,
खुशबू है चंदन की,
सरयू के मीठे जल में,
खुशबू है चंदन की।।
प्रभु राज संभालेंगे,
फिर काज संभालेंगे,
दूर थे कल जिनसे,
उन्हें आज संभालेंगे,
दूर थे कल जिनसे,
उन्हें आज संभालेंगे।।
हम दीप जलाएंगे,
दिवाली मनाएंगे,
अब कभी राम मेरे,
वनवास न जाएंगे,
अब कभी राम मेरे,
वनवास न जाएंगे।।
दिन दुख के बीत गए,
आ सबके मीत गए,
हार गए बेरी,
रघुवंशी जीत गए,
हार गए बेरी,
रघुवंशी जीत गए।।
सनातन धर्म सनातन धाम,
यही थे यही रहेंगे राम,
है बाकी सब किससे झूठे,
सत्य है रघुनंदन का नाम,
यह धरती योगी संतों की,
यह धरती योगी संतों की,
यहां पर राज करेंगे राम,
यहां पर राज करेंगे राम।।
गायक – हंसराज रघुवंशी।
प्रेषक – शेखर चौधरी।
मो – 9754032472