शबरी मगन है राम भजन में,
राम दरस की आस है मन में,
देख लूँ राम को इस जीवन में,
देख लूँ राम को इस जीवन में,
राम दरस की आस है मन में,
राम दरस की आस है मन में,
शबरी मगन हैं राम भजन में।।
तर्ज – हम तुम्हे इतना प्यार।
राह निहारे श्रद्धा से निशदिन,
राम राम रटते जाए पल छिन,
काट रही है इंतजार की घड़ियां,
दिन उंगली पे गिन गिन,
देर ना होगी अब दर्शन में,
राम दरस की आस है मन में,
राम दरस की आस है मन में,
शबरी मगन हैं राम भजन में।।
राम से जोड़े प्रेम के धागे,
लोभ मोह माया मन से त्यागे,
राम का सुमिरन करके सोए,
जय श्री राम की बोल के जागे,
राम का मंदिर है आंगन में,
राम दरस की आस है मन में,
राम दरस की आस है मन में,
शबरी मगन हैं राम भजन में।।
रोम रोम में राम गए है रम,
राम ही गाए सांसों की सरगम,
राम की याद में जब शबरी के,
नैन बरस जाते है छन छन,
राम को देखे वो असुवन में,
राम दरस की आस है मन में,
राम दरस की आस है मन में,
शबरी मगन हैं राम भजन में।।
शबरी मगन है राम भजन में,
राम दरस की आस है मन में,
देख लूँ राम को इस जीवन में,
देख लूँ राम को इस जीवन में,
राम दरस की आस है मन में,
राम दरस की आस है मन में,
शबरी मगन हैं राम भजन में।।
स्वर – तृप्ति शाक्या।
प्रेषक – राजेश सुमन।
9926137148