राम सिवरी ने समझावे,
नवधा भक्ति यूं गावे।।
प्रथम कर संतों का संगा,
उपजे सुख भाग जावे दंगा,
दूजे में कथा मेरी गावे,
जीव नरका में नहीं जावे,
राम शिवरी ने समझावे,
नवधा भक्ति यूं गावे।।
तीजे में कर सतगुरु री सेवा,
समझ मन महा विष्णु देवा,
उसी से मिले मोक्ष और मेवा,
वेद श्रुति यूँ केवा,
राम शिवरी ने समझावे,
नवधा भक्ति यूं गावे।।
चौथ में मेरा ही गुणगान,
कपट तज छोड़ दे अभियान,
पांच में मेरा ही नाम जपना,
जगत में कोई नहीं अपना,
राम शिवरी ने समझावे,
नवधा भक्ति यूं गावे।।
छठे में ज्ञान कर लेना,
सातवें सम दृष्टि रहेणा,
नीति और नाव पर बे ना,
किसी को धोखा नहीं देना,
राम शिवरी ने समझावे,
नवधा भक्ति यूं गावे।।
आठवां में जो कुछ मिल जावे,
धर संतोष सुख पावे,
दोष पर सपने में नहीं आवे,
तो राम घट घट में दर्शावे,
राम शिवरी ने समझावे,
नवधा भक्ति यूं गावे।।
नवमी में छल रहित रहना,
नवधा भक्ति सुन लेना,
चरन एक राम के रहना,
आत्मा राम का केना,
राम शिवरी ने समझावे,
नवधा भक्ति यूं गावे।।
राम सिवरी ने समझावे,
नवधा भक्ति यूं गावे।।
Singer – Manoj
प्रेषक – सुभाष सारस्वा काकडा।
नोखा 9024909170