मैं माँ को रिझाने आया हूँ दुनिया को रिझाकर क्या करना

मैं माँ को रिझाने आया हूँ,
दुनिया को रिझाकर क्या करना,
जो इसे बताने आया हूँ,
जग को वो बताकर क्या करना।bd।

तर्ज – दिल लूटने वाले।



सत्संग मतलब सत की संगत,

और सत है माँ झुँझन वाली,
मैं उससे जुड़ने आया हूँ,
जो जग की करती रखवाली,
मैं धार बहाने आया हूँ,
गर मन हो मेरे संग बहना।bd।



नैनो से नैना चार करो,

सच्चे मन से दीदार करो,
गर इसके इशारे मिल जाए,
उसको समझो स्वीकार करो,
गर लगन लगी ना दादी से,
कीर्तन में आकर क्या करना।bd।



अंतर्मन की सारी बातें,

बस अंतर्यामी माँ जाने,
कोई जान सका मैं क्या हूँ,
बस दादी मेरी पहचाने,
श्री चरणों की सेवा दे दो,
इस जग में मुझको ना रहना।bd।



मैं माँ को रिझाने आया हूँ,

दुनिया को रिझाकर क्या करना,
जो इसे बताने आया हूँ,
जग को वो बताकर क्या करना।bd।

Singer – Ajay Tulsyan


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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