चामुन्ड मैया डोले मेरी नैया,
दोहा – चन्ड मुन्ड संघारणी,
जय चामुन्डा माय,
लजा मेरी राख दे,
रहा मैं शीश नवाय।
चामुन्ड मैया डोले मेरी नैया,
बेड़ा लगा दे पार,
ओ माँ हाथ जोड़ अरदास करूँ।।
तर्ज – मन डोले मेरा।
तुम रुद्राणी तुम पटराणी,
आगम निगम बखानी,
तीनो लोको में पुजा तेरी,
हो तुम शिव महारानी,
तुम आओ आज माँ,
राखो लाज थाने रहा पुकार रे,
माँ शिश नवा अरदास करू।।
जैसलमेर से चली रे साथ में,
जगह-जगह चला ध्याई,
जहाँ जोशी परिवार बसे माँ,
वहाँ पर तुझे मनाई,
है साहवा गाँव, तेरा बना धाम,
ध्वजा रही फरकाय रे माँ,
जोत तेरी दीन रात करू।।
चूड़ा चुन्दडी भेट चढ़े माँ,
थारी जगावां रात,
सारो परिवार चल्यो आव माँ,
गठजोड़े की जात,
थारे आवे जात रखो सारी बात,
सभी रहा हरशाय रे माँ,
हाथ जोङ तेरे पाँव पङु।।
साल 92, 15 जनवरी,
पर्चो दियो बङो भारी,
साहवा से इक जीप चली माँ,
घर की भरी सवारी,
जहाँ जीप भीड़ी जहाँ हाजीर खड़ी,
सभी को लिया बचाय रे माँ,
ना आई किसी के फुल छड़ी।।
दीनों जोशी सुबह श्याम माँ,
गावे आरती थारी,
भवानी शंकर ने चरणो में राखो,
करो महर भवानी,
धरो सिर पर हाथ रखो सारी बात,
थाने रहा मनाय रे माँ,
मैं मुढमती तेरे चरण पडु।।
चामुन्ड मईया डोले मेरी नईया,
बेड़ा लगा दे पार,
ओ माँ हाथ जोड़ अरदास करूँ।।
(चामुन्डा धाम साहवा)
गायक – राहुल जोशी।
8955229648
लेखक – भवानी शंकर जोशी।