के बुझेगा हाल मेरा दुख पड़ गया याणे में

के बुझेगा हाल मेरा,
दुख पड़ गया याणे में,
पाट कालजा आवे से,
मेरा हाल बताणे में।।



मात पिता परिवार छुटग्या,

और कहु के संसार छुटग्या,
मेरे नाम का राम रुसग्या,
ना आया उल्हाने में,
पाट कालजा आवे से,
मेरा हाल बताणे में।।



होनी न इसे घाले घेरे,

नैन नीर त भरगे मेरे,
चाचा ताऊ फ़िरे लुटेरे,
मतलबी जमाने में,
पाट कालजा आवे से,
मेरा हाल बताणे में।।



सुनिए हो मेरी दर्द कहानी,

पड़री से मने ठोकर खानी,
माया लुटगी हो मेरे बाबा,
बड़े खजाने में,
पाट कालजा आवे से,
मेरा हाल बताणे में।।



आजाद सिंह ना फर्क बात मे,

लागलिया मेरे रंज गात मे,
पवन बात न कौन सुने,
दुनिया बतलाने में,
पाट कालजा आवे से,
मेरा हाल बताणे में।।



के बुझेगा हाल मेरा,

दुख पड़ गया याणे में,
पाट कालजा आवे से,
मेरा हाल बताणे में।।

लेखक / गायक – पवन धर्मखेड़ी।
8814810192


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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