छोड़ दे सब उलझेंड़े न,
कटज्या कष्ट तमाम,
मनाले दादा खेड़े न।।
खेड़े के मंदिर पे चढ़ता,
धोला झंडा से,
अपना दादा खेड़ा सब,
देवा मे ठंडा से,
मान जा गुड़ के पेड़े में,
कट जाए कष्ट तमाम,
मनाले दादा खेड़े न।।
गाम राम की दादा खेड़ा,
कर्ता पहेरदारी,
मन की दिक्क़त जाके न तू,
खोल बता दे सारी,
यों करदे दूर बखेड़े न,
कट जाए कष्ट तमाम,
मनाले दादा खेड़े न।।
रविवार न सारा गाम यों,
धोक लगावे से,
अजेश कुमार डोले आला,
भजन बनावे से,
यों लेके जावे अपने बेड़े न,
कट जाए कष्ट तमाम,
मनाले दादा खेड़े न।।
छोड़ दे सब उलझेंड़े न,
कटज्या कष्ट तमाम,
मनाले दादा खेड़े न।।
गायक / प्रेषक – पवन धर्मखेड़ी।
8814810192