तन को जल से धुलाना,
सरल है मगर,
मन को निर्मल,
बनाना बड़ी बात है।।
ग्रन्थ पढ़ ज्ञान पाना,
सरल है मगर,
मन का विश्वास,
पाना बड़ी बात है,
तन को जल से धूलाना,
सरल है मगर,
मन को निर्मल,
बनाना बड़ी बात है।।
दिल किसी का दुखाना,
तो आसान है,
पर किसी को हंसाना,
बड़ी बात है,
तन को जल से धूलाना,
सरल है मगर,
मन को निर्मल,
बनाना बड़ी बात है।।
बनके विद्वान विद्या के,
अभिमान में,
अपना मत तो,
चलाना आसान है,
तन को जल से धूलाना,
सरल है मगर,
मन को निर्मल,
बनाना बड़ी बात है।।
पूरे सयंम सहित,
धर्म की राह पर,
जिंदगी को चलाना,
बड़ी बात है,
तन को जल से धूलाना,
सरल है मगर,
मन को निर्मल,
बनाना बड़ी बात है।।
तन को जल से धुलाना,
सरल है मगर,
मन को निर्मल,
बनाना बड़ी बात है।।
Singer – Shri Devendra Pathak Ji Maharaj