करुणामयी वरदायनी माँ सरस्वती भजन लिरिक्स

करुणामयी वरदायनी,
कर कमल विणा धारणी,
माँ सरस्वती, माँ सरस्वती।।

तर्ज – किस राह में किस मोड़ पर।



सा सा सात स्वर में निवास है,

रे र में धरा आकाश है,
गा गा गाए गुण गंधर्व गण,
मा माँ है लोभ निवारणी,
ओ माँ सरस्वती, माँ सरस्वती,
माँ सरस्वती, माँ सरस्वती।।

करुणा मयी वर दायनी,
कर कमल विणा धारणी,
माँ सरस्वती, माँ सरस्वती।।



पा पवित्र पावन पावनी,

ध ध धवल वस्त्र सुशोभिनी,
नी नमन करे ऋषि देव मिल,
गुणी जन की हो हितकारिणी,
माँ सरस्वती,ओ माँ सरस्वती,
माँ सरस्वती, माँ सरस्वती।।

करुणा मयी वर दायनी,
कर कमल विणा धारणी,
माँ सरस्वती, माँ सरस्वती।।



माँ सुर ताल मेरा सवार दो,

अब ‘सरल’ का कर उद्धार दो,
‘लख्खा’ की वाणी में माँ बसों,
हे शारदे हंस वाहनी,
ओ माँ सरस्वती, माँ सरस्वती,
माँ सरस्वती, माँ सरस्वती।।

करुणामयी वरदायनी,
कर कमल विणा धारणी,
माँ सरस्वती, माँ सरस्वती।।


Previous articleसावन सुहाना आया है सावन लख्खा जी भजन लिरिक्स
Next articleआया बुलावा भवन से मैं रह ना पाई लख्खा जी भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

3 COMMENTS

  1. बहोत ही सुंदर भजन है माँ सरस्वती ज्ञान की देवी हम सब को ज्ञान दे जय माँ सरस्वती, Thanks Bhajan Diary

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here