ये झगड़ा है मोहन,
हमारा तुम्हारा,
की अब क्या हुआ बल,
वो सारा तुम्हारा।।
जो निज कर्म से होते,
तरने के काबिल,
तो फिर ढूँढते क्यों,
सहारा तुम्हारा।
ये झगडा हैं मोहन,
हमारा तुम्हारा,
की अब क्या हुआ बल,
वो सारा तुम्हारा।।
ना तारो तो ऐसा,
अधम ही बना दो,
की अवतार फिर हो,
दोबारा तुम्हारा,
ये झगडा हैं मोहन,
हमारा तुम्हारा,
की अब क्या हुआ बल,
वो सारा तुम्हारा।।
गरीबों की आँखों में,
जिस दिन से आया,
उसी दिन से है ‘बिन्दु’,
प्यासा तुम्हारा,
ये झगडा हैं मोहन,
हमारा तुम्हारा,
की अब क्या हुआ बल,
वो सारा तुम्हारा।।
ये झगड़ा है मोहन,
हमारा तुम्हारा,
की अब क्या हुआ बल,
वो सारा तुम्हारा।।
Singer – Pujya Rajan Ji
Upload By – Durga Prasad
https://youtu.be/QyvOJPlaR2Q