मनोज्ञ सूरी गुरुराज का,
घर घर नाम गूंजेगा,
भारत का बच्चा बच्चा,
जय जय गुरुदेव बोलेगा।।
तर्ज – भारत का बच्चा बच्चा।
खरतर गच्छ आचार्य गुरुवर,
माँ देभी के नंदन,
माँ देभी के नंदन,
प्रताप सागर जी के राजदुलारे,
कोटि कोटि वंदन,
हा कोटि कोटि वंदन,
कांति सूरी जी के शिष्य का डंका,
कांति सूरी जी के शिष्य का डंका,
देश विदेश में बाजेगा,
भारत का बच्चा बच्चा,
जय जय गुरुदेव बोलेगा।।
ब्रहमसर तीर्थ के साथ गुरु ने,
कई जिन मंदिर बनवाये,
कई जिन मंदिर बनवाये,
मरुधर के हर गाँव मे जाकर,
धर्म ध्वजा फहराये,
हाँ धर्म ध्वजा को फहराये,
संघ एकता का बिगुल बजाया,
संघ एकता का बिगुल बजाया,
इनको न कोई भुलेगा,
भारत का बच्चा बच्चा,
जय जय गुरुदेव बोलेगा।।
सरल स्वाभावी शांत सुधारस,
प्रेम के ये भंडार है,
हाँ प्रेम के ये भंडार है,
वशीमालाणी रत्न शिरोमणि,
भक्तो के आधार है,
हाँ भक्तो के आधार है,
हर्ष दिलबर के दिल से,
हर्ष दिलबर के दिल से,
जयकारा गुरु का निकलेगा,
भारत का बच्चा बच्चा,
जय जय गुरुदेव बोलेगा।।
मनोज्ञ सूरी गुरुराज का,
घर घर नाम गूंजेगा,
भारत का बच्चा बच्चा,
जय जय गुरुदेव बोलेगा।।
गायक – हर्ष व्यास मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365