रूप रूपाला घना मतवाला चारभुजा सिरमोड

रूप रूपाला घना मतवाला,
चारभुजा सिरमोड,
कोटडी वाला जी।।



मोर मुकुट पीतांबर सोवे,

श्याम बरन छवि मंनडो मोवे,
चारभुजा चित चोर,
कोटडी वाला जी।।



हाथों में भाला भल भल भलके,

दाढ़ी में हीरो चम चम चमके,
श्याम रूपल जी,
कोटडी वाला जी।।



गले वैजयंती माल बिराजे,

पगलिया री पायल छम छम बाजे,
रंग रसिया घनश्याम,
कोटडी वाला जी।।



हस्ती थाके चवर धुलावे,

महिमा था कि वरर्णी न जावे,
भगता रा सिरमोड,
कोटडी वाला जी।।



रूप रूपाला घना मतवाला,

चारभुजा सिरमोड,
कोटडी वाला जी।।

लेखक / गायक – दिनेश अमरवासी।
9829167293


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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