कन्हैया लाज बचा जाओ,
खिंच रहा मेरा चिर दुशासन,
आके बचा जाओ,
कन्हैया लाज बचा जाओं।।
तर्ज – कन्हैया ले चल परली पार।
द्रोपदी तुझको पुकार रही है,
रो रो नीर बहाय रही है,
दुखड़ा अपना सुनाए रही है,
धीर नही अब मोहन मुझमें,
जरा धीर बंधा जाओ,
कन्हैया लाज बचा जाओं।।
अपनो की मुझे आस नही है,
कोई दूसरी राह नही है,
खुद पर भी विश्वास नहीं है,
निर्बल हो गए हाथ ये मेरे,
जरा बल ही बढ़ा जाओ,
कन्हैया लाज बचा जाओं।।
लाज गई तो कुछ ना बचेगा,
मर मर कर फिर जीना पड़ेगा,
बहन पुकारे ओ मेरे भैया,
जरा कर्ज चुका जाओ,
कन्हैया लाज बचा जाओं।।
बहन की सुनकर दौड़ा आया,
चिर बढ़ाकर लाज बचाया,
हर एक को ये नजर ना आया,
‘गौतम’ कहता तेरी महिमा,
तुम ही सुना जाओ,
कन्हैया लाज बचा जाओं।।
कन्हैया लाज बचा जाओ,
खिंच रहा मेरा चिर दुशासन,
आके बचा जाओ,
कन्हैया लाज बचा जाओं।।
Singer & Writer – Dinesh Gautam
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