पर्वराज पर्युषण प्यारे,
हमें जगाने आये है,
आत्म शांति का मधुर संदेशा,
हमें सुनाने आये है।।
मोह माया से इस जीवन में,
फैला घोर अंधेरा है,
क्रोध मान छल राग द्वेष ने,
यहां लगाया डेरा है,
कर्म बंध की जंजीरो से,
हमें छुड़ाने आये है,
आत्म शांति का मधुर संदेशा,
हमें सुनाने आये है।।
पर्युषण का सार यही है,
निज आत्म उद्धार करे,
संयम के पंथ को अपनाये,
धर्म ध्यान उपकार करे,
परहित अर्पण सर्वस्व करे,
यही बताने आये है,
आत्म शांति का मधुर संदेशा,
हमें सुनाने आये है।।
यही पर्व उद्धार करेगा,
नवजीवन संचार करेगा,
जो जन इसको प्यार करेगा,
उसके सब संताप हरेगा,
पर्व आराधना जप तप करके,
ज्ञान का दीप जलाये है,
आत्म शांति का मधुर संदेशा,
हमें सुनाने आये है।।
पर्वराज पर्युषण प्यारे,
हमें जगाने आये है,
आत्म शांति का मधुर संदेशा,
हमें सुनाने आये है।।
गायक – दीपक राव।
9660305741