थे बाबोसा सु कह दियो बाईसा सिफारिश कर दियो

थे बाबोसा सु कह दियो,
बाईसा सिफारिश कर दियो,
केवो भक्ता रे आंगणिये,
खुशियो री बारिश कर दियो,
थे बाबोसा सु कहदियो।।

तर्ज – चरण चाकरी दे दियो।



थे ही जाणो मन री बांता,

थाने के बतलावां,
खोल दियो थारे आगे पिटारों,
थांसु के छिपावां,
म्हारे सिर पे हाथ धरदियो,
बाईसा सिफारिश करदियो,
केवो भक्ता रे आंगणिये,
खुशियो री बारिश कर दियो,
थे बाबोसा सु कहदियो।।



नसीब होवे खोटो म्हारो,

तू मालिक है मोटो,
भरियोडो है थारो खजानों,
पड़े न ऊणमे टोटो,
भक्ता री झोलियां भरदियो,
बाईसा सिफारिश करदियो,
केवो भक्ता रे आंगणिये,
खुशियो री बारिश कर दियो,
थे बाबोसा सु कहदियो।।



सुण लेसी जद बाबोसा,

तो ‘दिलबर’ ने बतइजो,
बाबोसा रे सागे बाईसा,
म्हारी कुटिया में आईजो,
भक्ता री विनती सुणल्यो,
बाईसा सिफारिश करदियो,
केवो भक्ता रे आंगणिये,
खुशियो री बारिश कर दियो,
थे बाबोसा सु कहदियो।।



थे बाबोसा सु कह दियो,

बाईसा सिफारिश कर दियो,
केवो भक्ता रे आंगणिये,
खुशियो री बारिश कर दियो,
थे बाबोसा सु कहदियो।।

गायिका – सम्यता बेनर्जी मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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