आज तनै आणा होगा,
भैरव नाथ जी,
बाबा ना तो तेरी मेरी,
रुसवाई होवैगी।।
करकै यकीन तेरा,
लादी चौकी तेरी हो,
आया नहीं आज तु जै,
हांसी होगी मेरी हो,
मान बचाणा होगा,
भैरव नाथ जी,
बाबा ना तो तेरी मेरी,
रुसवाई होवैगी।।
धर्म तराजू बाबा,
डांडी तेरे हाथ म्ह,
तोल पुण्य पाप न्यारे,
न्यारे पंचात म्ह,
वजन दिखाणा होगा,
भैरव नाथ जी,
बाबा ना तो तेरी मेरी,
रुसवाई होवैगी।।
दुखिया द्वारे पड़े,
दर्द नै जाण ले,
बणै ना कठोर घणा,
शुद्ध बुद्ध आण ले,
गिरता उठाणा होगा,
भैरव नाथ जी,
बाबा ना तो तेरी मेरी,
रुसवाई होवैगी।।
भक्ति और शक्ति का,
आज इम्तिहान है,
जोर ना गजेन्द्र चाल्लै,
समय बलवान है,
साथ तो निभाणा होगा,
भैरव नाथ जी,
बाबा ना तो तेरी मेरी,
रुसवाई होवैगी।।
आज तनै आणा होगा,
भैरव नाथ जी,
बाबा ना तो तेरी मेरी,
रुसवाई होवैगी।।
लेखक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लण।
9996800660
गायक – लक्की शर्मा पिचौलिया।