देशाने बुलादे म्हारी मावडी,
मैं तो आवु थारे दरबार,
देशाणे बुलादे मारी मावडी।।
बीस भुजाओं वाली मावड़ी,
ओ मारी कर्नल किनीयानी मां,
देशाणे बुलादे मारी मावडी।।
सेखू जी ने केदा सु छुडावे मां,
फेरा पेली सु पहुचाय जी,
देशाणे बुलादे मारी मावडी।।
गंगा सिंह री करी रखवाली मां,
सिंघड़े ने दियो रे भगाय जी,
देशाणे बुलादे मारी मावडी।।
बीकाजी ने वचन दियो मां,
गढ़ रे नींव लगाय जी,
देशाणे बुलादे मारी मावडी।।
चारण कुल री चारणी,
मारी देशनोक वाली मावड़ी,
देशाणे बुलादे मारी मावडी।।
मेरडा धरती सु निकलियो हाथ थारो,
दियो सबसु भारी पर्चों मावडी,
देशाणे बुलादे मारी मावडी।।
कविराज चरणा थारे आवे मां,
थारे गावे चरणा रे माय जी,
देशाणे बुलादे मारी मावडी।।
देशाने बुलादे म्हारी मावडी,
मैं तो आवु थारे दरबार,
देशाणे बुलादे मारी मावडी।।
गायक – कविराज भाटी।
7023571881