मैंने सजा दिया दरबार,
मेरे घर बालाजी।।
टोटे के माह मरा पड़ा था,
कुनबा सारा रूधन करै था,
मैं करूं कमाई आज,
ओ मेरे बालाजी,
मने सजा दिया दरबार,
मेरे घर बालाजी।।
तेरे धाम का प्रण पूगाया,
सवामणि भंडारा लाया,
घर खुशियां छाई आज,
ओ मेरे बालाजी,
मने सजा दिया दरबार,
मेरे घर बालाजी।।
कोठी बंगले महल बनाए,
घर में चारों चांद लगाए,
तेरे लाऊ जयकारे आज,
ओ मेरे बालाजी,
मने सजा दिया दरबार,
मेरे घर बालाजी।।
पूनम गुरुजी मेरे घर आवै,
रविंद्र मनजीत नवीन भी आवै,
करै राजकुमार गुणगान,
ओ मेरे बालाजी,
मने सजा दिया दरबार,
मेरे घर बालाजी।।
मैंने सजा दिया दरबार,
मेरे घर बालाजी।।
लेखक / गायक – राजकुमार किनाना जींद।
9728254989