है प्रेम जगत में सार और कछु सार नहीं लिरिक्स

है प्रेम जगत में सार,
और कछु सार नहीं।।

देखे – रे मनवा प्रेम जगत का सार।



मीरा का इकतारा गाता,

प्रेम में विष अमृत बन जाता,
है प्रभु का प्रेम आधार,
और कछु सार नहीं,
हैं प्रेम जगत में सार,
और कछु सार नहीं।bd।



शबरी के घर भी आ जाये,

प्रेम में झूठे बेर भी खाए,
है प्रभु पे प्रेम निसार,
और कछु सार नहीं,
हैं प्रेम जगत में सार,
और कछु सार नहीं।bd।



प्रेम अगर भक्ति बन जाता,

राधा सी शक्ति बन जाता,
प्रेम जीवन का श्रृंगार,
और कछु सार नहीं,
हैं प्रेम जगत में सार,
और कछु सार नहीं।bd।



मेवा और मिष्ठान ना भाया,

साग विदुर के घर का खाया,
सिंधु कर लो खूब विचार,
और कछु सार नहीं,
हैं प्रेम जगत में सार,
और कछु सार नहीं।bd।



है प्रेम जगत में सार,

और कछु सार नहीं।।

Singer – Pujya Sheeghrta Tripathi Ji


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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