श्याम मिजाजी जी थे रहिजो राजी जी

श्याम मिजाजी जी,
थे रहिजो राजी जी,
अरज करा हाथ जोड़।।

तर्ज – हम तुम चोरी से।



ग्यारस की ग्यारस में,

दरबार आपके आऊं,
ऐसी किरपा कर दो,
हर रोज ही दर्शन पाऊं,
होगा बड़ा एहसान ये,
एहसान ये,
हम पे ओ सांवरे,
श्याम मिज़ाजी जी,
थे रहिजो राजी जी,
अरज करा हाथ जोड़।।



है हारे के सहारे,

मैं घर घर अलख जगाऊं,
झूम झूम कर बाबा,
मैं तेरा कीर्तन गाउ,
कलियुग में हर घर बजे,
हर घर बजे,
डंका श्री श्याम का,
श्याम मिज़ाजी जी,
थे रहिजो राजी जी,
अरज करा हाथ जोड़।।



श्याम सलोने हमसे,

है ये कैसी नाराजी,
‘व्यास हरि’ से बाबा,
तुम हर दम रहना राजी,
यूं ही सदा आता रहूं,
आता रहूं,
दरबार सांवरे,
श्याम मिज़ाजी जी,
थे रहिजो राजी जी,
अरज करा हाथ जोड़।।



श्याम मिजाजी जी,

थे रहिजो राजी जी,
अरज करा हाथ जोड़।।

लेखक / गायक – महंत हरि भैया।
8819921122
श्री खाटूश्याम मंदिर उज्जैन मध्यप्रदेश।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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