जग से हुआ मैं लाचार आया शरण तुम्हारी मेरे सांवरे

जग से हुआ मैं लाचार,
आया शरण तुम्हारी मेरे सांवरे,
जग से हुआ मै लाचार।।

तर्ज – तुझको पुकारे मेरा प्यार।



जन्मों की प्यासी,

अखियां मुरारी तुम्हें ढूंढ रही है,
कहां पे मिलेंगे,
बांके बिहारी सबसे पूछ रही है,
दर दर पे करता मैं पुकार,
आया शरण तुम्हारी मेरे सांवरे,
जग से हुआ मै लाचार।।



मीरा के जैसा,

भाव नहीं है कैसे तुमको रिझाऊं,
विदुरानी जैसा,
साग नहीं है कैसे भोग लगाऊं,
कैसे करूं मैं सत्कार,
आया शरण तुम्हारी मेरे सांवरे,
जग से हुआ मै लाचार।।



गज को उबारा,

गणिका को तारा वैसे मुझे भी उबारो,
दाता दयालु,
दया दृष्टि करके एक बार निहारो,
कर दो अधम का बेड़ा पार,
आया शरण तुम्हारी मेरे सांवरे,
जग से हुआ मै लाचार।।



निर्धन दुखी की,

दशा देख करके सारा हंसता जमाना,
रूठे जमाना कोई,
परवाह नहीं है प्यारे तुम ना भुलाना,
विनती ‘किशन’ से बार बार,
आया शरण तुम्हारी मेरे सांवरे,
जग से हुआ मै लाचार।।



जग से हुआ मैं लाचार,

आया शरण तुम्हारी मेरे सांवरे,
जग से हुआ मै लाचार।।

गायक – विवेक कुमार सिंघल।
लेखन – किशन बृजवासी।
98933 03924


Previous articleमेरी जिंदगी का गुजारा आपके हाथों में है नाकोड़ा जी भजन
Next articleना यूँ घनश्याम तुमको दुःख से घबरा कर के छोडूंगा
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here