तू पहली आस मेरी पहला विश्वास है तू लिरिक्स

तू पहली आस मेरी,
पहला विश्वास है तू,
आखों से दूर भले,
मेरे मन के पास है तू,
तु पहली आस मेरी,
पहला विश्वास है तू,
आखों से दूर भले,
मेरे मन के पास है तू।।

तर्ज – दिलदार कन्हैया ने।



जबसे मैंने बाबा,

मेरा होश संभाला है,
तबसे जाना है तू,
मेरा रखवाला है,
जिसमें खुश रहता हूँ,
वो ही एहसास है तू,
आखों से दूर भले,
मेरे मन के पास है तू।।



रिश्ता ये श्याम धणी,

तुमसे ही जोड़ लिया,
इक तेरे भरोसे पे,
इस जग को छोड़ दिया,
सबमे सबसे ज्यादा,
मेरा बाबा खास है तू,
आखों से दूर भले,
मेरे मन के पास है तू।।



हरपल ही नाम तेरा,

मेरा रोम रोम गाये,
बिन बोले ‘सचिन’ के तू,
हर काम निपटा जाये,
मेरे दिल में धड़कता है,
बनकर हर सांस है तू,
आखों से दूर भले,
मेरे मन के पास है तू।।



तू पहली आस मेरी,

पहला विश्वास है तू,
आखों से दूर भले,
मेरे मन के पास है तू,
तु पहली आस मेरी,
पहला विश्वास है तू,
आखों से दूर भले,
मेरे मन के पास है तू।।

स्वर – संजय मित्तल जी।
प्रेषक – श्याम के प्रेमी।
समस्त श्याम सखा परिवार जालंधर।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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