पार्श्व नाम की माला जप ले,
हो भैरव नाम की माला जप ले,
लगता नहीं कोई मोल रे,
जय जय पारस बोल रे़,
जय जय भैरव बोल रे।।
हर पूनम को नाकोड़ा जी,
भक्त हैं हजारों आते,
दर्शन को,
भक्त हजारों आते,
सेवा पूजा करके दादा की,
अपनी अर्जी सुनाते,
दादा को,
अपनी अर्जी सुनाते,
इनके नाम का सुमिरन करले,
दीवाने मुख तू खोल रे,
जय जय पारस बोल रे़,
जय जय भैरव बोल रे।।
पारस नाम को जपने वाले,
भैरू जी को लगते प्यारे,
हो प्यारे,
भैरू जी को लगते प्यारे,
नाकोड़ा प्रभु पार्श्व नाथ का,
निशिदीन ध्यान लगा,
लगा रे,
निशिदिन ध्यान लगा रे,
मन के मंदिर में तू बसा ले,
ये प्रतिमा अनमोल रे,
जय जय पारस बोल रे़,
जय जय भैरव बोल रे।।
सबकी बिगड़ी को है बनाते,
ऐसे है मेरे दादा,
हां दादा,
ऐसे हैं मेरे दादा,
इनसे ना कोई बात छिपी है,
ये हैं त्रिलोकी ज्ञाता,
हैं ज्ञाता,
ये हैं त्रिलोकी ज्ञाता,
जैसे जिसके भाव हों मनवा,
देता तराजू तोल रे,
जय जय पारस बोल रे़,
जय जय भैरव बोल रे।।
पार्श्व नाम की माला जप ले,
हो भैरव नाम की माला जप ले,
लगता नहीं कोई मोल रे,
जय जय पारस बोल रे़,
जय जय भैरव बोल रे।।
गायक – दीपक राव।
9660305741