बाजा इंदरगढ़ में बाजे छे,
सातों बहनों साथ में भेरुजी नाचे छे।।
भादवा को बड़ो महीनों,
लागे छे दरबार,
जात्र्या को मेलो भरतो,
हो रही जय जयकार,
पुजारी बैठो बैठो जाकर छ,
सातों बहनों साथ में भेरुजी नाचे छे।।
माता जी की कृपा से,
भक्ता का बणरया काम,
बोली बैठ चढ़ावा ज्यादा,
कौन लागे दाम,
मेहंदी हाथों में राच छ,
सातों बहनों साथ में भेरुजी नाचे छे।।
बंजरिया तो बेटा मांगे,
निर्धन तो धनमाल,
न्याय करे छे सांचौ माता,
सबने करती न्ह्याल,
सारा रोग दोष ने कॉटे छ,
सातों बहनों साथ में भेरुजी नाचे छे।।
अरे गाना और बजाना होता,
सारी सारी रात,
घना भगत नाचे देखो,
डीजे माले आज,
तू भी मन में काई राखे छे,
सातों बहनों साथ में भेरुजी नाचे छे।।
बागा माई सुओ बोले,
कोयल काडे राग,
दर्शन दीजो बद्री जी ने,
आयो थारे द्वार,
बात नंदलाल भगत की राख छे,
सातों बहनों साथ में भेरुजी नाचे छे।।
बाजा इंदरगढ़ में बाजे छे,
सातों बहनों साथ में भेरुजी नाचे छे।।
गायक – नन्दलाल सैनी।
प्रेषक – मोहित मंडावरिया।
9351417345