क्यों हो गई चौखट से दूरी कुछ तो जरा विचार लो

क्यों हो गई चौखट से दूरी,
कुछ तो जरा विचार लो,
मर्यादा से श्याम रिझा लो,
मर्यादा से श्याम रिझा लो,
आदत जरा सुधार लो,
क्यूँ हो गई चौखट से दूरी,
कुछ तो जरा विचार लो।bd।

तर्ज – नगरी नगरी द्वारे द्वारे।



कलजुग का दातार है प्यारे,

इसे परखना आता है,
देव बड़ा अलबेला है ये,
लखदातार कुहाता है,
छोड़ के स्वारथ सच्चे भाव से,
छोड़ के स्वारथ सच्चे भाव से,
दिल से इसे पुकार लो,
क्यूँ हो गई चौखट से दूरी,
कुछ तो जरा विचार लो।bd।



सौदागर बन सौदा करते,

लाड़ लड़ाना भूल गए,
धरम और मर्यादा भूले,
प्रभु शुकराना भूल गए,
झूठे टोटके झूठे चोचले,
झूठे टोटके झूठे चोचले,
दिल से जरा निकाल लो,
क्यूँ हो गई चौखट से दूरी,
कुछ तो जरा विचार लो।bd।



सीखो अपने बड़ो से नियम,

खाटू आने जाने का,
मर्यादा और भाव से प्यारे,
सांवरिये को रिझाने का,
जनम हो जाएगा जी,
जनम हो जाएगा जी,
स्वारथ की गठरी उतार लो,
क्यूँ हो गई चौखट से दूरी,
कुछ तो जरा विचार लो।bd।



सब सुख इसकी झोली में है,

जिसपे चाहे वार दे,
सरल भाव से जो कोई आवे,
उसका जनम सुधार दे,
‘रोमी’ कहता श्याम के दर पे,
‘रोमी’ कहता श्याम के दर पे,
अहंकार को मार लो,
Bhajan Diary Lyrics,
क्यूँ हो गई चौखट से दूरी,
कुछ तो जरा विचार लो।bd।



क्यों हो गई चौखट से दूरी,

कुछ तो जरा विचार लो,
मर्यादा से श्याम रिझा लो,
मर्यादा से श्याम रिझा लो,
आदत जरा सुधार लो,
क्यूँ हो गई चौखट से दूरी,
कुछ तो जरा विचार लो।bd।

Singer & Lyrics – Sardar Romi Ji


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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