सांवरे तुझे झुलाएं प्रेम से डोर हिलाएं लिरिक्स

मन के झूले में बिठाकर,
बांधी भाव की डोर,
सांवरे तुझे झुलाएं,
प्रेम से डोर हिलाएं।।

तर्ज – स्वर्ग से सुंदर सपनो से।



हमने बनाया अपने,

ह्रदय को आसन,
आन बिराजो बाबा,
इतना निवेदन,
मन बगिया को आज खिला दो,
आ जाओ चितचोर,
साँवरे तुझे झुलाएं,
प्रेम से डोर हिलाएं।।



झूला झूलाना तो है,

बस एक बहाना,
मकसद हमारा मन के,
भाव दिखाना,
भाव बिना काहे का झूला,
कैसी रेशम डोर,
साँवरे तुझे झुलाएं,
प्रेम से डोर हिलाएं।।



जिसने बनाया अपने,

मन को हिंडोला,
उसमें ही झूले मेरा,
सांवरा सलोना,
‘हर्ष’ कहे फिर छमछम नाचे,
उसके मन का मोर,
साँवरे तुझे झुलाएं,
प्रेम से डोर हिलाएं।।



मन के झूले में बिठाकर,

बांधी भाव की डोर,
सांवरे तुझे झुलाएं,
प्रेम से डोर हिलाएं।।

Singer – Varsha Garg


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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