चलो चलो भक्तो,
भैरव दादा के द्वार,
भैरव दादा के द्वार,
डमरू वाले के द्वार,
चलो चलो भक्तों,
भैरव दादा के द्वार।।
तर्ज – बोलो बोलो प्रेमियो श्याम।
मेवानगर की पहाड़ियों में,
मंदिर बना है प्यारा,
पार्श्व प्रभु के संग विराजे,
माँ अम्बे का दुलारा,
नाकोड़ा ये धाम कहाता,
है सच्चा दरबार,
चलो चलो भक्तों,
भैरव दादा के द्वार।।
समकित धारी देव निराला,
चमत्कार दिखलाये,
एक बार जो जाये दर पे,
वो सब कुछ पा जाये,
डमरू वाला दादा लुटाता,
भक्तो पे है प्यार,
चलो चलो भक्तों,
भैरव दादा के द्वार।।
इनके जैसा देव न दूजा,
देखा इस संसार में,
खुशियों की बारिश ये करता,
भक्तो के परिवार में,
कलयुग में चलती है हुकूमत,
इनकी ही सरकार,
चलो चलो भक्तों,
भैरव दादा के द्वार।।
नाकोड़ा चलने की भक्तो,
कर लेना तैयारी,
कहता ‘दिलबर’ चलो भरत भाई,
आई पूनम प्यारी,
‘नितिन’ कहे दादा के दर पे,
लगी है लंबी कतार,
चलो चलो भक्तों,
भैरव दादा के द्वार।।
चलो चलो भक्तो,
भैरव दादा के द्वार,
भैरव दादा के द्वार,
डमरू वाले के द्वार,
चलो चलो भक्तों,
भैरव दादा के द्वार।।
गायक – नितिन जैन विजय नगर।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365