कांधे पर कांवर लेकर,
शिव महाकाल को भजकर,
चलो बाबा धाम,
चलो बाबा धाम।।
गंगाजल से अभिषेक करो,
केवल शिव शिव बस ध्यान धरो,
बाबा सहारे ही जाओगे द्वारे,
वो कष्ट हरे,
खाली है झोली ये झोली को बाबा,
कृपा से भरे,
केशरिया वस्त्र पहन कर,
आओगे झोली भरकर,
चलो बाबा धाम,
चलो बाबा धाम।।
शिव ही सुंदर शिव है घर घर,
भजे देव दनुज नारी और नर,
जिसका न कोई उसीके हैं संगी,
मेरे भोले जी,
बिगड़ी बिगड़ी बनाते हैं खुशियां लुटाते,
मेरे भोले जी,
पैदल जाओगे चलकर,
रटते रहना शिव हर हर,
चलो बाबा धाम,
चलो बाबा धाम।।
शिव अविनाशी शिव कैलाशी,
शिव शम्भू मेरे मरघट वासी,
मस्तक पे चंदा गले में भुजंगा,
बिराजे सदा,
कहते दिगम्बर बाघम्बर पर आसन,
लगाते सदा,
रहते खुस भंग को पीकर,
जोगी का भेष बनाकर,
चलो बाबा धाम,
चलो बाबा धाम।।
शिव पार्वती दुनिया भजती,
शिव गंग जटा में सदा रहती,
बेल की पाती कपूर की बाती,
लिऐ हम खड़े,
शूक शनिचर बने है बराती,
बगल में खड़े,
गाए रवि खुद लिख गाना,
बाबा सदमार्ग दिखाना,
चलो बाबा धाम,
चलो बाबा धाम।।
कांधे पर कांवर लेकर,
शिव महाकाल को भजकर,
चलो बाबा धाम,
चलो बाबा धाम।।
गायक / प्रेषक – रवि शंकर आचार्य जी।
8318645050