शेरावाली मेरी नैया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना।।
हम दीन दुखी निर्बल,
नित नाम रहे प्रतिपल,
यह सोच दरश दोगी,
मैया आज नही तो कल,
जो बाग़ लगाया है,
फूलों से सजा देना,
शेरावाली मेरी नईया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना।।
रोकोगे भला कब तक,
दर्शन को मुझे तुमसे,
चरणों से लिपट जाऊं,
वृक्षों से लता जैसे,
अब द्वार खड़ी तेरे,
मुझे राह दिखा देना,
शेरावाली मेरी नईया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना।।
तुम शांति सुधाकर हो,
तुम ज्ञान दिवाकर हो,
मम हँस चुगे मोती,
तुम मान सरोवर हो,
दो बूंद सुधारस की,
हमको भी पिला देना,
शेरावाली मेरी नईया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना।।
मजधार पड़ी नैया,
डगमग डोले भव में,
आओ शेरोवाली,
हम ध्यान धरे मन में,
अब ‘तनवर’ करे विनती,
मुझे अपना बना लेना,
शेरावाली मेरी नईया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना।।
शेरावाली मेरी नैया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना।।
Singer – Upasana Mehta