अरे रे तेरे खेल निराले,
भेरू जी नाकोड़ा वाले,
कलयुग में दादा मशहूर तू,
सच्चा है तू सच्चा तेरा दरबार,
दीन दुखियों का तू ही दातार,
अजब अनोखे है तेरे चमत्कार,
हो रही जग में तेरी जय जयकार,
अ र र तेरे खेल निराले,
भेरू जी नाकोडा वाले,
कलयुग में दादा मशहूर तू।।
हरपल चमत्कार करता है तू,
भक्तो के संकट को हरता है तू,
सबकी मुरादे पूरी करता है तू,
बिन मांगे झोलियाँ भरता है तू,
अ र र तेरे खेल निराले,
भेरू जी नाकोडा वाले,
कलयुग में दादा मशहूर तू।।
पल में पलट जाये किस्मत की रेख,
एक बार नाकोड़ा धाम आके तो देख,
एक नही लाखो की बनी तकदीर,
‘दिलबर’ ‘सूरज’ कहे हरे सबकी पीर,
अ र र तेरे खेल निराले,
भेरू जी नाकोडा वाले,
कलयुग में दादा मशहूर तू।।
अरे रे तेरे खेल निराले,
भेरू जी नाकोड़ा वाले,
कलयुग में दादा मशहूर तू,
सच्चा है तू सच्चा तेरा दरबार,
दीन दुखियों का तू ही दातार,
अजब अनोखे है तेरे चमत्कार,
हो रही जग में तेरी जय जयकार,
अ र र तेरे खेल निराले,
भेरू जी नाकोडा वाले,
कलयुग में दादा मशहूर तू।।
गायक – सूरज राठौर सुमेरपुर।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365