दिल का हाल सुनाने आया,
दर पे तुम्हारे फरियादी,
ध्यान लगाकर अर्ज हमारी,
सुन लो मेरे गिरधारी,
दिल का हाल सुनानें आया,
दर पे तुम्हारे फरियादी।।
क्या क्या हाल सुनाए दिल का,
संकट ने हमें घेरा है,
कदम कदम पर ठोकर खाई,
क्या तकदीर का खेला है,
साथ हमारा,,,
साथ हमारा कभी ना छूटे,
फिर क्यूँ वादा तोडा है,
दिल का हाल सुनानें आया,
दर पे तुम्हारे फरियादी।।
रो रो कर तुम्हेँ दुखडे सुनाऊँ,
कैसे हो तुम दातारी,
बालक पर थोडा रहम करो अब,
थाम लो हमको बनवारी,
अँसुवन की,,,
अँसुवन की धारा भी रोती,
ना तडपाओ गिरधारी,
दिल का हाल सुनानें आया,
दर पे तुम्हारे फरियादी।।
तुम भूले हो हम नहीं भूले,
इसमें लाज तुम्हारी है,
दुनिया में मजबूर हुआ हूँ,
जब तुमको बतलाया है,
दरद भरे,,,
दरद भरे नयनों के प्याले,
छलक रहे है दुखयारी,
दिल का हाल सुनानें आया,
दर पे तुम्हारे फरियादी।।
कहलाते दिलदार प्रभु तुम,
अपना जलवा दिखा देते,
बिन माँगें झोली भरते हो,
दुखडे मेरे मिटा देते,
गिरते हुए को,,,
गिरते हुए को पल में उठाया,
हमको सम्भालोँ गिरधारी,
दिल का हाल सुनानें आया,
दर पे तुम्हारे फरियादी।।
दिल का हाल सुनाने आया,
दर पे तुम्हारे फरियादी,
ध्यान लगाकर अर्ज हमारी,
सुन लो मेरे गिरधारी,
दिल का हाल सुनानें आया,
दर पे तुम्हारे फरियादी।।
प्रेषक – विनोद कुमार जी।
(श्री श्याम मीरा मण्डल दिल्ली)
8851069337