मेरे रामधनी का द्वारा है सबसे बड़ा दरबार

मेरे रामधनी का द्वारा,
है सबसे बड़ा दरबार,
जय बाबा री बोलिये,
होगा बेड़ा पार।।

तर्ज – देना हो तो दीजिए।



दुख के बादल घिर जाए तो,

दर पे शीश झुका लेना,
श्रद्धा फूल चढ़ा करके,
अपनी अर्ज लगा लेना,
तेरी अर्जी पर ओ बन्दे,
निश्चय ही होगा विचार,
जय बाबा री बोलिये,
होगा बेड़ा पार।।



इन दुनिया म डोल डोल के,

कितनी जुगत लगाएगा,
आखिर एक दिन लोट के तू तो,
इनकी शरण में आएगा,
फिर क्यों ना अभी से बन्दे,
तेरा बदल लेवे व्यहार,
जय बाबा री बोलिये,
होगा बेड़ा पार।।



जीवन के तारो का नाता,

रूणिचा में जोड़ लिया,
जो मांगा ये सच है उनको,
बाबा ने मुंह मांगा दिया,
ये देव बड़ा दातारि,
जाने सारा संसार,
जय बाबा री बोलिये,
होगा बेड़ा पार।।



आंधलिया न आंख्या देवे,

पांगलिया पग पाव जी,
निर्धनिया न माया देवे,
पर्चा खूब दिखावे सा,
थाने दास गोपालों ध्यावे,
थे करज्यो बेड़ा पार,
जय बाबा री बोलिये,
होगा बेड़ा पार।।



मेरे रामधनी का द्वारा,

है सबसे बड़ा दरबार,
जय बाबा री बोलिये,
होगा बेड़ा पार।।

गायक – गोपाल सोनी।
जम्मा गायक रतनगढ़।
9982095020


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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