ये रिश्ता क्या कहलाता है भजन लिरिक्स

शब्द नहीं जो बोल सकूँ,
ये रिश्ता क्या कहलाता है,
मैं तो इतना जानू मेरा,
श्याम से गहरा नाता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूँ,
ये रिश्ता क्या कहलाता हैं।।

तर्ज – कस्मे वादे प्यार वफ़ा।



ये मुझे जाने ये पहचाने,

क्या हूं मैं और कैसा हूं,
श्याम के मन को जो भाता है,
मैं तो बिलकुल वैसा हूँ,
इसीलिए तो,,
इसीलिए तो मुझपर अपना।
जमकर प्यार लुटाता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूँ,
ये रिश्ता क्या कहलाता हैं।।



कितना मेरा ख्याल ये रखता,

आई आफत टाल रहा,
छोटे बच्चो के जैसे ही,
मुझको श्याम सम्भाल रहा,
कभी कभी,,
कभी कभी चुपके से मुझको,
देख देख मुस्काता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूँ,
ये रिश्ता क्या कहलाता हैं।।



अपना सब कुछ सौंप दिया है,

मैने श्याम के हाथों में,
दिल मेरा गद गद हो जाता,
श्याम प्रभु की बातों में,
श्याम ही मेरा,,
श्याम ही मेरा इष्टदेव है,
श्याम ही भाग्य विधाता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूँ,
ये रिश्ता क्या कहलाता हैं।।



तार से तार जुड़े है दिल के,

गर्व से कहता है ‘बिन्नू’
श्याम प्रभु की छत्र छाया में,
मैं तो हर पल रहता हूँ,
भर भर प्याला,,
भर भर प्याला श्याम सुधा का,
मुझको श्याम पिलाता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूँ,
ये रिश्ता क्या कहलाता हैं।।



शब्द नहीं जो बोल सकूँ,

ये रिश्ता क्या कहलाता है,
मैं तो इतना जानू मेरा,
श्याम से गहरा नाता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूँ,
ये रिश्ता क्या कहलाता हैं।।

Singer – Rajni Ji Rajasthani


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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