तेरी कृपा से ही मैं गुण तेरे गाता हूँ

तेरी कृपा से ही,
मैं गुण तेरे गाता हूँ,
सेवा मिलती उससे,
परिवार चलाता हूँ।।



दीनो का बंधु है,

हारे का साथी है,
हर बुझते दीपक की,
तू ही तो बाती है,
अपने दिल की बाते,
बस तुम्हे सुनाता हूँ,
सेवा मिलती उससे,
परिवार चलाता हूँ।।



कलियुग में गर तुझसा,

दातार नही होता,
ये बेड़ा गरीबों का,
कभी पार नहीं होता,
पग पग पर मैं तुझको,
मेरे संग में पाता हूं,
सेवा मिलती उससे,
परिवार चलाता हूँ।।



तेरी कृपा बाबा,

बस यूंही मिलती रहे,
तेरा नाम ले लेकर,
मेरी गाड़ी चलती रहे,
कहे ‘श्याम’ शूकर तेरा,
हर रोज मनाता हूं,
सेवा मिलती उससे,
परिवार चलाता हूँ।।



तेरी कृपा से ही,

मैं गुण तेरे गाता हूँ,
सेवा मिलती उससे,
परिवार चलाता हूँ।।

Singer – Pravesh Sahu
Lyrics – Shyam Agrawal


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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