आजा आजा रे मुरली वाला रे श्याम,
बाट जोवे रे तेरी ग्वाल बाला।।
तर्ज – तू तो काली ने कल्याणी रे माँ।
तेरे नाम की मेहंदी लगाई है श्याम,
तेरे नाम की बिंदिया सजाई है श्याम,
तेरे नाम का टीका लगाया है श्याम,
बाट जोवे रे तेरी ग्वाल बाला,
आजा आजा रे मुरलीं वाला रे श्याम,
बाट जोवे रे तेरी ग्वाल बाला।।
तेरी सांवरी सुरतिया पे वारी जाऊँ,
तेरे मोर मुकुट की बलिहारी जाऊँ,
तेरे गल वैजयंती माला रे श्याम,
बाट जोवे रे तेरी ग्वाल बाला,
आजा आजा रे मुरलीं वाला रे श्याम,
बाट जोवे रे तेरी ग्वाल बाला।।
सांवरे अपने भक्तों पे कृपा करदे,
इस खाली झोली को खुशियों से भरदे,
तेरे दरश का अमृत पिला जा रे श्याम,
बाट जोवे रे तेरी ग्वाल बाला,
आजा आजा रे मुरलीं वाला रे श्याम,
बाट जोवे रे तेरी ग्वाल बाला।।
आजा आजा रे मुरली वाला रे श्याम,
बाट जोवे रे तेरी ग्वाल बाला।।
अमृतराम जी महाराज।
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