खोल आडो खोल भवानी,
घाटा री चामुंडा ये,
आयोडा भगता ने दरसन,
देवो मारी जोग माया ये।।
घाटा पे बिराजी चामुंडा,
ज्योत थारी जागी,
ढोल ने ढमकाढ़े जाग,
जाओ मारी जोगमाया ये,
खोल आडो खोल मारी,
घाटा री चामुंडा ये।।
सिंह चढ़ी माँ आवो ये भवानी,
संग में भेरू लावो ये,
धुप ने धुवाडे हेलो देऊ,
मारी जोग माया ये,
खोल आडो खोल मारी,
घाटा री चामुंडा ये।।
रात दिन थारी करू ये चाकरी,
घाटा री धणियाणी ये,
एक आस बंधावे,
जागण देऊ मारी जोग माया ये,
खोल आडो खोल मारी,
घाटा री चामुंडा ये।।
घाटा री चामुंडा मावड़ी,
हेले बेगि आजे ये,
धरम तंवर थाने अरज करे,
भगता री आस बंधा जे ये,
खोल आडो खोल मारी,
घाटा री चामुंडा ये।।
खोल आडो खोल भवानी,
घाटा री चामुंडा ये,
आयोडा भगता ने दरसन,
देवो मारी जोग माया ये।।
लेखक और गायक – धर्मेंद्र तंवर।
9829202569