हर बार मैं खुद को लाचार पाता हूँ भजन लिरिक्स

हर बार मैं खुद को,
लाचार पाता हूँ,
तेरे होते क्यों बाबा,
मैं हार जाता हूँ,
हर बार मै खुद को,
लाचार पाता हूँ।।



हर कदम पे क्या यूँ ही,

मैं ठोकर खाऊंगा,
बस इतना कह दे क्या,
मैं जीत ना पाऊंगा,
तेरी चौखट पे मैं क्या,
बेकार आता हूँ,
हर बार मै खुद को,
लाचार पाता हूँ।।



क्यों अपने वादे को,

तू भुला बिसरा है,
हारा हुआ ये सेवक,
चरणों में पसरा है,
तेरा वादा याद दिलाने,
तेरे द्वार आता हूँ,
हर बार मै खुद को,
लाचार पाता हूँ।।



मेरे साथ खड़ा हो जा,

बस इतना ही चाहूं,
जीवन की बाजी फिर,
मैं हार नही पाऊं,
अरमां ये ‘हर्ष’ लिए,
दरबार आता हूँ,
हर बार मै खुद को,
लाचार पाता हूँ।।



हर बार मैं खुद को,

लाचार पाता हूँ,
तेरे होते क्यों बाबा,
मैं हार जाता हूँ,
हर बार मै खुद को,
लाचार पाता हूँ।।

Singer – Rahul Savara
Upload By – Ravi Agrawal
9301653989


Previous articleजुलमण बंसी बाजी आधी रात भजन लिरिक्स
Next articleऐ जी श्याम थारी नगरी में दीवाना आ गया लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here