दुनिया चलती पैरों पर मैं,
श्याम भरोसे चलता हूँ,
मेरा कुछ भी नहीं है मैं तो,
श्याम भरोसे पलता हूँ,
दुनिया चलती पैरो पर मैं,
श्याम भरोसे चलता हूँ।।
भूल के सारी दुनियादारी,
श्याम का दामन थामा है,
देखके इसकी रहमत भारी,
खुद सुदामा माना है,
श्याम चरण में स्वर्ग सा सुख है,
यह सच मैंने जाना है,
दुनिया चलती पैरो पर मैं,
श्याम भरोसे चलता हूँ।।
ना घबराए दिल मेरा अब,
श्याम जो मेरे सागे है,
संकट आए जब जब मुझ पर,
चलता आगे आगे है,
श्याम के दर पर जाके देखो,
सोई किस्मत जागे है,
दुनिया चलती पैरो पर मैं,
श्याम भरोसे चलता हूँ।।
सांसे तो बस एक वहम है,
श्याम के नाम से जीता हूँ,
प्यास लगे जब थोड़ी थोड़ी,
श्याम की मस्ती पीता हूँ,
‘किशन’ ये बोले अपना हरपल,
श्याम भरोसे जीता हूँ,
दुनिया चलती पैरो पर मैं,
श्याम भरोसे चलता हूँ।।
दुनिया चलती पैरों पर मैं,
श्याम भरोसे चलता हूँ,
मेरा कुछ भी नहीं है मैं तो,
श्याम भरोसे पलता हूँ,
दुनिया चलती पैरो पर मैं,
श्याम भरोसे चलता हूँ।।
देखे – हम तो बाबा के भरोसे चलते है।
स्वर – संजय मित्तल जी।